आवा दिदा भुलौं आवा, नांग धारति की ढकावा , डाळि बनबनी लगावा
गीत
आवा दिदा भुलौं आवा, नांग धारति की ढकावा , डाळि बनबनी लगावा
आवा दयब्तों का नौंकि, डाळि रोपा पुन्न कमावा
हिटा रम्म- झम्म, चला भै ठम्म – ठम्म
हिटा रम्म- झम्म, चला भै ठम्म – ठम्म , ठम्म – ठम्म
हो हो, हो हो हो हो हिटा रे हिटा, चला रे चला, वे हिटा रे हिटा ( पुरुष कोरस )
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आवा दिदी भुलौं आवा, अपुड़ु बण जंगल बचावा, डाळ्युं पर भेटेंई जावा
आवा दिदी भुलौं आवा, अपुड़ु बण जंगल बचावा, डाळ्युं पर भेटेंई जावा
आवा भौं कुछ ह्वे जावा, डाळि कटेंण न द्यावा
हिटा रम्म- झम्म, चला भै ठम्म – ठम्म
हिटा रम्म- झम्म, चला भै ठम्म – ठम्म, ठम्म – ठम्म
हो हो, हो हो हो हो हिटा रे हिटा, चला रे चला , भइ हिटा रे हिटा ( महिला कोरस )
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तुम सैंता यूं थैं, तुमथैं सैंतला ये तुमथैं सैंतला ये – तुमथैं सैंतला ये ( पुरुष कोरस )
तुम पाळा यूं थैं, तुमथैं पाळला ये हो हो हो, हो हो हो हो, हो हो हो हो ( महिला कोरस )
डाळी छिन हमारी, भूख अर तीस
भूख अर तीस – भूख अर तीस
यूं की च छाया मायां, यूं क्वी आसीस
जंगळ हमारा छिन हो हो, जंगळ हमारा छिन – जंगळू का हम
आवा दिदा भुलौं आवा , नांग धारति की ढकावा, डाळि बनबनी लगावा
आवा दयब्तों का नौंकि , डाळि रोपा पुन्न कमावा
हिटा रम्म – झम्म, चला भै ठम्म – ठम्म ( पुरुष कोरस )
हिटा रम्म – झम्म, चला भै ठम्म – ठम्म , ठम्म – ठम्म ( पुरुष कोरस )
मनख्यूं का बैर्यूं, बणु का ब्योपार्युं
बणु का ब्योपार्युं – बणु का ब्योपार्युं ( महिला कोरस )
वापस ल्हिजा तौं, कुलाड़्यूं तौं आर्यूं
आब नी चललू तुमारु जुल्मी कानून
जुल्मी कानून – जुल्मी कानून ( पुरुष कोरस )
अब हम नी होण द्योला, डाळ्यूं को खून
जंगळ हमारा छिन हो हो जंगळ हमारा छिन – जंगळू का हम
आवा दिदी भुलौं आवा, अपुड़ु बण जंगल बचावा, डाळ्युं पर भेटेंई जावा
आवा भौं कुछ ह्वे जावा, डाळि कटेण न द्यावा
हिटा रम्म – झम्म, चला भै ठम्म – ठम्म
हिटा रम्म – झम्म, चला भै ठम्म – ठम्म , ठम्म – ठम्म
हो हो, हो हो हो हो हिटा रे हिटा, चला रे चला, भइ हिटा रे हिटा
हो हो, हो हो हो हो हिटा रे हिटा, चला रे चला, भइ हिटा रे हिटा
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भावार्थ : - आओ भाइयो आओ, वृक्षारोपण करके इस नंगी धरती को ढकें। आओ अपने देवता को समर्पित करते हुए पेड़ लगाएं और पुण्य कमाएं। चलो झूम के चलें, चलो सीना तान के चलें, आओ पेड़ लगायें, वृक्ष लगायें।
आओ बहनो आओ, अपने जंगलों को बचाएं। पेड़ों पर चिपक जायेंगे, भले कुछ भी हो जाये हम इन पेड़ों को कटने नहीं देंगे। चलो झूम के चलें, चलो सीना तान के चलें, आओ पेड़ लगायें, वृक्ष लगायें।
तुम इन पेड़ों का ख्याल रखोगे तो यह भी तुम्हारा ख्याल रखेंगे, तुम इनको पालोगे तो देखना ये भी तुम्हें पालेंगे, जरूर पालेगें। इसलिये चलो झूम के चलें, चलो सीना तान के चलें, आओ पेड़ लगायें, वृक्ष लगायें।
यह पेड़-पौधे अब हमारी भूख-प्यास हैं (यानि इन जंगलों की हमारी भूख-प्यास मिटाने में बहुत बड़ी भूमिका है।)। इनके प्यार और आशीर्वाद की शीतल छाया में हम रहते हैं। यह जंगल हमारे हैं और हम इन जंगलों के हैं। चलो झूम के चलें, चलो सीना तान के चलें, आओ पेड़ लगायें, वृक्ष लगायें।
जंगलों का अवैध कटान करने वाओं को चेतावनी देते हुए कहा गया है-ओ जंगलों के व्यापारियों तुम अपने आरी और कुल्हाड़ियां लेकर वापस लौट जाओ क्यूंकि ये जंगल हमारे हैं इसलिये हम तुम्हारा जंगली कानून चलने नहीं देंगे और ना ही इन जंगलों का खून होने देंगे। चलो झूम के चलें, चलो सीना तान के चलें, आओ पेड़ लगायें, वृक्ष लगायें।
BY : SAURABH PAHADI BHULA
BY : SAURABH PAHADI BHULA
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