Friday 18 May 2018

कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं SAURABH RANA

कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं

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गढवाली लोकगीत 

कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
रिता कूडों की तीसा भांडों -2 की बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
सर्ग तेरी आशा कब आलू -2 चौमासा
गंगा जमुनाजी का मुल्क मनखी गोर प्यासा 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
क्या रूडी क्या हयुन्द, पाणी नीच -2 बूंद 
फिर बणी च योजना बल देखा अब क्या हून्द 
कख लगाण छविं 
रिता कूडों की तीसा भांडों -2 की 
बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
बैख डुबयाँ दारू मा नौना टुन्न यारू -2 मा 
कजेणी आन्दोलन चलाणी, दफ्तर बाजारू मा 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
कच्ची गद्न्य छान्यु मा, पक्की खुली दुकान्यु -2 मा 
दारू का उद्योग खुल्याँ उंकी मेहर्बंयु मा 
कख लगाण छविं 
रिता कूडों की तीसा भांडों -2 की 
बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
.
 कुड़ी टूटणी ठेस मा छिपाडा लाग्यां रेस -2
मा भीतर मूसा बिराला बस्याँ मनखी भैर देश मा . 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं .

न भीतर न भैर कखी भी नीच -2
खैर दिन मा गिज्युं बाघ रात भ्युन्चाला की डैर . 
कख लगाण रिता कूडों की तीसा भांडों -2
की बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की .
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं .

जंगल शेर बाघ मा, खेती बाड़ी त्याग -2
मा सार खायी बान्दरून, सगोडी गै उज्याड़ मा . 
कख लगाण छविं रिता कूडों की तीसा भांडों -2
की बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की 
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं .

कर्ज गाडी पैन्छू, फैलूं मा अल्झी -2
भैन्सू गोर दुब्याँ बाड़ मा सूखू पोडी ऐंसू . 
कख लगाण छविं रिता कूडों की तीसा भांडों -2
की बगदा मनख्यूं की रडदा डाँडों की .
कख लगाण छविं कैमा लगाण छविं 
ये पहाड़ की कुमौ गड़वाल की 

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